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Monday, March 23, 2009

बनारस में मुख्तार अंसारी बसपा के उम्मीदवार बन रहे हैं। क्या यह बनारस की जनता का अपमान नहीं?जागे बनारस और सतर्क हो जाए सारा देश...


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आपराधिक कर्म और चरित्र वाले प्रत्याशी, जिनका अच्छा-खासा इतिहास थानों में दर्ज हैं और जिनकी छवि भी दागदार है वे यदि एक बार फिर हमारे भाग्य विधाता और नीति निर्माता बन जाते हैं तो हमारे रोने-धोने और नेताओं को कोसते रहने का कोई मतलब नहीं रह जाता। जब यह तय है कि राजनीतिक दल दागियों को उम्मीदवार बनाने से बाज नहीं आने वाले तो फिर उन्हें सबक सिखाने में संकोच क्यों? तमाम रोष-आक्रोश और प्रतिरोध के बावजूद दागियों को चुनाव मैदान में उतारने का सिलसिला कायम होता दिख रहा है। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में तो कुछ कुख्यात छवि वालों की उम्मीदवारी सबसे पहले पक्की हुई है, जैसे बनारस में मुख्तार अंसारी बसपा के उम्मीदवार बन रहे हैं। क्या यह बनारस की जनता का अपमान नहीं? जागे बनारस और सतर्क हो जाए सारा देश, क्योंकि बनारस की तरह देश के अन्य अनेक चुनाव क्षेत्रों में भी एक से एक दागी चुनाव मैदान में उतरने को आतुर हैं। इससे भी भद्दी बात यह है कि राजनीतिक दल भी उन्हें जनप्रतिनिधि का तमगा पहनाने पर आमादा हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के बहाने गढ़ रहे हैं, जैसे यह कि वे भटके हुए लोगों को सुधरने का मौका दे रहे हैं। सच तो यह है कि वे हमारी आंखों में धूल झोंककर राजनीति को मैला कर रहे हैं।
दागियों को चुनकर हम लोकतंत्र को दागदार बनाने का काम करेंगे और ऐसा काम करने के बाद संसद के सही तरह चलने और पक्ष-विपक्ष के जवाबदेह बनने की उम्मीद नहीं की जा सकती। क्या यह किसी से छिपा है कि विधानमंडलों में दागी सिर्फ इसलिए बढ़ रहे हैं, क्योंकि हमारे-आपके वोट उनकी झोली में गिर रहे हैं। गलती कर रहे हैं हम और इनाम पा रहे हैं वे जिन्हें हम छंटे हुए अपराधी समझते हैं।
यही समय है चेतने, चेताने और चुनौतियों से लड़ने का
सवालों के जवाब खोजने और उन्हें हल करने का

लोकतंत्र को सार्थक सिद्ध करने और समर्थ बनाने का
वोट की वास्तविक महत्ता स्थापित करने का

बदल दीजिए देश की तस्वीर-सौ करोड़ लोगों की तकदीर
सोचिए, समझिए, आगे बढ़िए और बुलंद कीजिए अपनी आवाज

हम नहीं करेंगे
तो कौन करेगा? http://www.janjagran.co.in

अब नहीं तो कब..? एक अनोखी पहल



देश में विकास की चकाचौंध है, लेकिन क्या हर कोना चमकदार है?
देश में बड़े-बड़े नेता हैं, लेकिन क्या उनके काम भी बड़े हैं?

देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन क्या वह सही दिशा में जा रहा है?
देश में एकता का भाव है, लेकिन क्या चहुंओर हिलोरें मारता सद्भाव है?

देश में हर संकट से लड़ने का जुनून है, लेकिन क्या हमें अपनी सुरक्षा को लेकर सुकून है?
देश युवाशक्ति से भरपूर है, लेकिन क्या वह निराशा से दूर है?

देश के लोग जान रहे हैं खुद के अधिकार, लेकिन क्या अपनी जिम्मेदारी को लेकर हैं तैयार?
हम आप सब जानते भी हैं और मानते भी कि हमारे लोकतंत्र की कमजोरियां बन गईं हैं अब बेड़ियां टूटेंगी नहीं ये आसानी से, क्योंकि तोड़ने वाले बच रहे हैं अपनी जिम्मेदारी से यही समय है चेतने, चेताने और चुनौतियों से लड़ने का सवालों के जवाब खोजने और उन्हें हल करने का
लोकतंत्र को सार्थक सिद्ध करने और समर्थ बनाने का वोट की वास्तविक महत्ता स्थापित करने का
बदल दीजिए देश की तस्वीर-सौ करोड़ लोगों की तकदीर सोचिए, समझिए, आगे बढ़िए और बुलंद कीजिए अपनी आवाज .......
हम नहीं करेंगे
तो कौन करेगा?


जी हां, मतदाताओं को जागरूक करने और उनके अधिकारों को बताने के लिए विश्व के सबसे बड़े हिंदी समाचार पत्र समूह ने एक व्यापक मतदाता जागरूकता अभियान चलाया है। यह अभियान मतदाताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के लिए जागरूक करेगा। साथ ही साथ राजनीतिक दलों को सचेत भी करेगा। ..तो फिर आप भी इस अभियान का हिस्सा बनिए और बदल दीजिए देश की तस्वीर और सौ करोड़ लोगों की तकदीर..आखिर हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा!!!!!!
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