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Friday, April 3, 2009

दैनिक जागरण ने जन जागरण के रूप में छेड़ा है अब तक का सबसे बड़ा अभियान।


दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते क्या हम ये दावा कर सकते हैं कि श्रेष्ठता और आदर्श के स्तर पर भी हम उतने ही बड़े हैं? क्या हमें ये नहीं लगता कि संसद में जो दागी चेहरे दाखिल होते हैं, उसके पीछे हम भी कुछ हद तक जिम्मेदार हैं? क्या हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि आखिर अनेकता में एकता की विशिष्टता वाला देश कब तक जाति और धर्म की चुनावी राजनीति की शतरंजी बिसात बना रहेगा? क्या हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि प्रत्याशी चयन में राजनीतिक दलों की मनमानी कब तक चलती रहेगी और हमारे सामने मजबूरी रहेगी राजनीतिक स्वार्थ के धरातल पर थोपे गए उम्मीदवारों में किसी एक को चुनने की? क्या हमें ये नहीं सोचना चाहिए कि चुनाव में आपस में लड़ने वाले राजनीतिक दल चुनाव बाद सत्ता के वास्ते आपस में बंदरबांट करके एक तरह से हमारे साथ सरासर धोखाधड़ी करते हैं?
इन्ही सवालों को लेकर देश के सबसे बड़े चुनावी उत्सव को एक उचित अवसर मानकर दुनिया के सबसे अधिक पाठक संख्या वाले अखबार दैनिक जागरण ने जन जागरण के रूप में छेड़ा है अब तक का सबसे बड़ा अभियान। इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य है चुनाव सुधार की आवाज बुलंद करना और साथ ही सबको समझदारी से वोट का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना ताकि सचमुच बदल सके राजनीति, समाज और राष्ट्र की तस्वीर।
आपके सक्रिय-सजग सहयोग से हम सब झकझोर सकते हैं कोटि-कोटि लोगों को और उत्पन्न कर सकते हैं जन चेतना की एक ऐसी लहर जिसका आवेग ध्वस्त कर सकता है समस्त अवरोध। दैनिक जागरण के इस जन जागरण अभियान के तहत देश भर में आयोजित हो रहे हैं तमाम आयोजन, विचार गोष्ठियां, प्रभात फेरियां, जनसंपर्क आदि आदि। इस अभियान में देश के तमाम संगठनों ने, मशहूर शख्सियतों ने शिरकत करने की ठानी है।
इस आवेग को चाहिए आपका भी सहयोग। आप जहां भी हैं, जिस स्थिति में हैं, इस राष्ट्रयज्ञ रूपी महा अभियान में अपना योगदान कर सकते हैं। अपने देश के लिए, अपने समाज के लिए किसी भी जागरूक नागरिक के तत्पर होने का अवसर आ गया है और इसके लिए दैनिक जागरण आपको मुहैया करा रहा है एक सशक्त माध्यम।
log ओं- हटtp://www.janjagran.co.in