पिछले दिनों एक पारिवारिक कार्यक्रम के सिलसिले में मेरा उड़ीसा के एक औद्योगिक शहर राउरकेला में जाना हुआ। नई दिल्ली से दो दिनों की थकान भरी यात्रा से होता हुआ जब मैं इस औद्योगिक नगरी राउरकेला में प्रवेश किया तो शाम हो चुकी थी। शहर में प्रवेश करते ही मुझे भगवान हनुमान की एक बहुत बड़ी प्रतिमा नजर आई। प्रतिमा इतनी विशाल थी कि मेरी नजर ही नहीं हट रही थी। जानने की उत्सुकता हुई, तो पता चला इसकी ऊंचाई 74 फुट 9 इंच है, और यह प्रतिमा एशिया में सबसे ऊंची है।अगले दिन मैं अपने मित्रों के साथ इस मंदिर के दर्शन और इसके बारे में जानने के लिए चल पड़ा। इस मंदिर जिसका नाम हनुमान वाटिका है, राउरकेला शहर का एक महत्वपूर्ण स्थल है। शनिवार और रविवार के अलावा विशेष दिनों में यहां भगवान हनुमान की पूजा के लिए सीमावर्ती झारखंड, बिहार और सुदूर छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु आते हैं।यह हनुमान वाटिका 12 एकड़ के क्षेत्र में फैली है। इसमें भगवान शिव, जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा, वैष्णो देवी, सोमनाथ, मां मंगला, मां विमला और भगवान श्रीराम के छोटे मंदिर भी हैं।अभी हाल फिलहाल इस परिसर में सांई राम का भी एक मंदिर बनाया गया है। इस बेमिसाल प्रतिमा के शिल्पकार आंधप्रदेश के जाने माने कलाकार टोगु लक्ष्मण स्वामी हैं जिन्हें इसे बनाने में दो वर्ष लगे।बताते है कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बिजू पटनायक ने 23 फरवरी 1994 को इस प्रतिमा का अनावरण किया था तो प्रतिमा पर माला पहनाने के लिए उन्हें क्रेन के जरिए ऊपर ले जाया गया था। कुल मिला कर इस शहर के लिए यह मंदिर एक एतिहासिक धरोहर है, जिसे संभालना बहुत जरूरी है।
Wednesday, August 27, 2008
राउरकेला का हनुमान वाटिका
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3 comments:
आभार इस प्रस्तुति के लिए.बजरंग बली के दर्शन हो गये.
Aksar kaam ke silsile mein Rourkela jana hota hai aur hanumaan ki ye moorti huare thahrane ke isthan se behad paas mein hai. achcha laga iski charcha padh kar. Waise rourkela mein nadi ke kinare Ved Vyas ka mandir aur picnicspot bhi hai.
aapne dekha ya nahin
aap k hum bahut bahut sukragujar hai jo aapne itne khubsurat n dharmik jagah se hume aaogat karaya.bahot accha laga iss jagah k bare me aapne hume bahut achhi jankari di hai..keep it up..good going..god bless you lots.
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