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कल जब नोएडा के ग्रेट इंडिया पैलेस में फिल्म 'थ्री इडियट्स' के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा एक पत्रकार को झाड़ रहे थे, तो इत्तेफाक से मैं भी वहीं खड़ा उस पत्रकार वार्ता को गौर से देख-सुन रहा था। मामला तब बिगड़ गया जब उस पत्रकार भाई (नाम नहीं लूंगा) ने फिल्म 'थ्री इडियट्स' के निर्माता विधु विनोद चोपड़ा से एक सवाल दाग दिया। सवाल था कि क्या आपकी फिल्म '3 इडियट्स' उपन्यासकार चेतन भगत की नावेल 'फाइव प्वाइंट समवन' से चुराई गई है, उसके बाद तो चोपड़ा जी का चेहरा एकदम से लाल हो गया और उन्होंने तुरंत उस पत्रकार से सवाल किया कि क्या आपने चेतन भगत की किताब 'फाइव प्वाइंट समवन' और हमारी फिल्म '3 इडियट्स' देखी है। बेचारे पत्रकार को सांप सूंघ गया, उसने न को अग्रेजी उपन्यास 'फाइव प्वाइंट समवन' पढ़ी थी और ना ही फिल्म 'थ्री इडियट्स' देखी थी। वो तो तथाकथित यूथ आईकान बने लेखक चेतन भगत के ब्लाग का हवाला लेकर प्रश्न दागा था। अब उसे क्या पता था कि लोकप्रियता के भूखे इस लेखक ने अपने ब्लाग पर लोगों को गुमराह किया था। चार दिन पहले चेतनभगत डॉट काम पर यह लिखा गया कि फिल्म 'थ्री इडियट्स' उनकी लिखी बुक 'फाइव प्वाइंट समवन' पर आधारित है, और इसके लिए उनसे कोई परमिशन नहीं लिया गया, जबकि ब्लाग में इस बात का कोई उल्लेख नहीं था कि चेतन भगत ने 'थ्री इडियट्स' के लेखक-निर्देशक राजकुमार हिरानी के साथ एक कांट्रेक्ट साइन किया है। उस कांट्रेक्ट में साफ लिखा है कि किसी भी तरह से नावेल के स्टोरी का इस्तेमाल निर्देशक कर सकता है, फिर चेतन भगत ने यह बात क्यू छुपाई। साफ है उनका और उनके नावेल को पब्लिसिटी चाहिए, जो मिडिया ने उन्हे मुफ्त में दे दी।
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