क्रिकेट में अपनी करिश्माई कप्तानी से भारत के तिरंगे को लहराने वाले महेन्द्र सिंह धोनी के लिए आज चरित्र प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ गई? जबकि इस देश के सफेदपोशों, आपराधिक चरित्र के मंत्रियों को बंदूक, राइफल, पिस्टल का लाइसेंस बेधड़क मिल रहा है, फिर देश के सपूत महेन्द्र सिंह धोनी के पिस्टल लाइसेंस में पचास अड़ंगे क्यों?
माना कि कानून सबके लिए बराबर होता है। धोनी ने भी सभी प्रक्रियाओं का पालन किया, पर उसे निपटाने में प्रशासन इतने नौटंकी क्यों कर रहा है? जबकि नेता-मंत्री-अधिकारी के आवेदनों पर पूरा महकमा कुत्ते की तरह दौड़ता रहता है।
जहां तक प्रक्रिया की बात है तो एक ही राज्य में अलग-अलग कानून चल रहे। रांची में कमिश्नर ने लाइसेंस के लिए स्पेशल ब्रांच और सीआईडी रिपोर्ट जरूरी कर दी है। जबकि दूसरी जगहों पर ऐसा नहीं है। वैसे भी कमिश्नर को यह अधिकार है कि वह जिसके चरित्र से संतुष्ट हों, उन्हें हथियार का लाइसेंस निर्गत कर सकते हैं। अब धोनी के चरित्र को तो बताने की जरूरत नहीं। पर, नेता-मंत्रियों के जो लाइसेंस जारी हुए, वह भी एक नहीं तीन-तीन कैसे? कई नेता और मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ थानों में आपराधिक मामले दर्ज है। कुछ मंत्री के खिलाफ तो चार्ज शीट तक कोर्ट में दाखिल किये गये हैं, फिर उन्हें हथियारों के लाइसेंस कैसे दिए गए।
एक नजर हमारे माननीय मंत्रियों के चरित्र पर।
शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की- एक रायफल, एक बंदूक, एक पिस्टल (दो आपराधिक मामले दर्ज)
ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का- एक बंदूक, एक रायफल(दो आपराधिक मामले दर्ज), सिमडेगा से जारी हथियार अलग
पूर्व मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी : एक रायफल, एक पिस्टल
पूर्व गृह मंत्री सुदेश महतो: एक रायफल, एक पिस्टल
मंत्री कमलेश सिंह : एक रिवाल्वर, एक रायफल(एक आपराधिक मामला दर्ज)
पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी: एक बंदूक
जेएमएम नेता पंकज सिंह: एक रिवाल्वर, एक बंदूक(एक मामला)
झामुमो नेता नवीन चंचल : एक रिवाल्वर(एक मामला)
रामचंद्र चंद्रवंशी : एक बंदूक, एक रिवाल्वर, एक रायफल (दो मामले दर्ज)
थियोडर किड़ो : एक बंदूक
बसंत कुमार लोंगा : एक बंदूक(एक मामला)
झामुमो नेता शिवलाल महतो : एक रिवाल्वर
कांग्रेस नेता कुमार महेश सिंह : एक रिवाल्वर
योगेन्द्र साव : एक रिवाल्वर
विधायक प्रकाश राम: एक रायफल एवं बंदूक (एक मामला),
विधायक रामचंद्र सिंह : एक रिवाल्वर(एक मामला)
एमएलए जर्नादन पासवान: एक रायफल, एक बंदूक(दो मामले)
एमएलए सत्यानंद भोक्ता: एक बंदूक(एक मामला)
इनके चरित्र का क्या होगा? झारखंड प्रशासन बताएगा कि इनका चरित्र-प्रमाण किस उल्लू ने देखा?
माना कि कानून सबके लिए बराबर होता है। धोनी ने भी सभी प्रक्रियाओं का पालन किया, पर उसे निपटाने में प्रशासन इतने नौटंकी क्यों कर रहा है? जबकि नेता-मंत्री-अधिकारी के आवेदनों पर पूरा महकमा कुत्ते की तरह दौड़ता रहता है।
जहां तक प्रक्रिया की बात है तो एक ही राज्य में अलग-अलग कानून चल रहे। रांची में कमिश्नर ने लाइसेंस के लिए स्पेशल ब्रांच और सीआईडी रिपोर्ट जरूरी कर दी है। जबकि दूसरी जगहों पर ऐसा नहीं है। वैसे भी कमिश्नर को यह अधिकार है कि वह जिसके चरित्र से संतुष्ट हों, उन्हें हथियार का लाइसेंस निर्गत कर सकते हैं। अब धोनी के चरित्र को तो बताने की जरूरत नहीं। पर, नेता-मंत्रियों के जो लाइसेंस जारी हुए, वह भी एक नहीं तीन-तीन कैसे? कई नेता और मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ थानों में आपराधिक मामले दर्ज है। कुछ मंत्री के खिलाफ तो चार्ज शीट तक कोर्ट में दाखिल किये गये हैं, फिर उन्हें हथियारों के लाइसेंस कैसे दिए गए।
एक नजर हमारे माननीय मंत्रियों के चरित्र पर।
शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की- एक रायफल, एक बंदूक, एक पिस्टल (दो आपराधिक मामले दर्ज)
ग्रामीण विकास मंत्री एनोस एक्का- एक बंदूक, एक रायफल(दो आपराधिक मामले दर्ज), सिमडेगा से जारी हथियार अलग
पूर्व मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी : एक रायफल, एक पिस्टल
पूर्व गृह मंत्री सुदेश महतो: एक रायफल, एक पिस्टल
मंत्री कमलेश सिंह : एक रिवाल्वर, एक रायफल(एक आपराधिक मामला दर्ज)
पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी: एक बंदूक
जेएमएम नेता पंकज सिंह: एक रिवाल्वर, एक बंदूक(एक मामला)
झामुमो नेता नवीन चंचल : एक रिवाल्वर(एक मामला)
रामचंद्र चंद्रवंशी : एक बंदूक, एक रिवाल्वर, एक रायफल (दो मामले दर्ज)
थियोडर किड़ो : एक बंदूक
बसंत कुमार लोंगा : एक बंदूक(एक मामला)
झामुमो नेता शिवलाल महतो : एक रिवाल्वर
कांग्रेस नेता कुमार महेश सिंह : एक रिवाल्वर
योगेन्द्र साव : एक रिवाल्वर
विधायक प्रकाश राम: एक रायफल एवं बंदूक (एक मामला),
विधायक रामचंद्र सिंह : एक रिवाल्वर(एक मामला)
एमएलए जर्नादन पासवान: एक रायफल, एक बंदूक(दो मामले)
एमएलए सत्यानंद भोक्ता: एक बंदूक(एक मामला)
इनके चरित्र का क्या होगा? झारखंड प्रशासन बताएगा कि इनका चरित्र-प्रमाण किस उल्लू ने देखा?
1 comment:
क्या पता भाई जी.
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