
भविष्य हमेशा उम्मीदों
The effect or impression of one thing on another....








भारत में आज जिस तेजी से बेतहाशा जनसंख्या बढ़ रही है, वह बेहद चिंतनीय है। सबसे चिंतनीय विषय तो यह है कि इस बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि में मुख्य योगदान पाकिस्तान और बांग्लादेश से अवैध रूप आकर रह रहे नागरिको का है। आश्चर्य तो इस बात का है कि देश के तमाम राजनीतिक दल सब कुछ देखते हुए भी आंखें बंद किये हुए है। इसका कारण उनकी तुष्टिकरण नीति है, जो भारत में अवैध रूप से रह कर अपनी जनसंख्या बढ़ाने में लगे है। वह कल को उनके वोटर बनेंगे, शायद यहीं उनकी मंशा है। मैं किंचित मात्र भी मुसलमान विरोधी नहीं हूं, परंतु आज देश में जिस तेजी से इनकी जनसंख्या बढ़ रही है, और इनके कारण जो आपराधिक कारनामे बढ़ रहे है, वह किसी भी आम नागरिक को सोचने पर मजबूर कर देंगे। क्या हमारी शासन व्यवस्था इतनी पंगु हो गई है कि अवैध रूप से भारत आने वाले और रहने वाले पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों पर कोई नियंत्रण नहीं कर सकती, या सिर्फ वोट व तुष्टिकरण के लिए हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बेरोजगारी, आतंकवाद और कई तरह के अपराधों के दलदल में झोंक देना चाहते है। हम सभी पाठकों और देशवासियों से इस महत्वपूर्ण मसले पर राय जानना चाहते है। अगर आप इस मुद्दे पर हमारे विचार से इत्तेफाक रखते है तो कृपया अपनी राय जरूर भेजे।
[अजीत पांडे] क्या दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बताएंगी की दिल्ली में बाहरी कौन है? और किसकी बपौती है यहां?कौन से वो बाहरी लोग है, जिनके दिल्ली में रहने से बिजली और पानी की किल्लत उत्पन्न हो गई है। चुनाव के दौरान तो यही शीला दीक्षित और इनके तथाकथित लोग इन्हीं बाहरी लोगों के दरवाजे पर जाकर वोट


देश में विकास की चकाचौंध है, लेकिन क्या हर कोना चमकदार है?
देश में बड़े-बड़े नेता हैं, लेकिन क्या उनके काम भी बड़े हैं?
देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन क्या वह सही दिशा में जा रहा है?
देश में एकता का भाव है, लेकिन क्या चहुंओर हिलोरें मारता सद्भाव है?
देश में हर संकट से लड़ने का जुनून है, लेकिन क्या हमें अपनी सुरक्षा को लेकर सुकून है?
देश युवाशक्ति से भरपूर है, लेकिन क्या वह निराशा से दूर है?
देश के लोग जान रहे हैं खुद के अधिकार, लेकिन क्या अपनी जिम्मेदारी को लेकर हैं तैयार?
हम आप सब जानते भी हैं और मानते भी कि हमारे लोकतंत्र की कमजोरियां बन गईं हैं अब बेड़ियां टूटेंगी नहीं ये आसानी से, क्योंकि तोड़ने वाले बच रहे हैं अपनी जिम्मेदारी से यही समय है चेतने, चेताने और चुनौतियों से लड़ने का सवालों के जवाब खोजने और उन्हें हल करने का
लोकतंत्र को सार्थक सिद्ध करने और समर्थ बनाने का वोट की वास्तविक महत्ता स्थापित करने का
बदल दीजिए देश की तस्वीर-सौ करोड़ लोगों की तकदीर सोचिए, समझिए, आगे बढ़िए और बुलंद कीजिए अपनी आवाज .......
हम नहीं करेंगे
तो कौन करेगा?
जी हां, मतदाताओं को जागरूक करने और उनके अधिकारों को बताने के लिए विश्व के सबसे बड़े हिंदी समाचार पत्र समूह ने एक व्यापक मतदाता जागरूकता अभियान चलाया है। यह अभियान मतदाताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के लिए जागरूक करेगा। साथ ही साथ राजनीतिक दलों को सचेत भी करेगा। ..तो फिर आप भी इस अभियान का हिस्सा बनिए और बदल दीजिए देश की तस्वीर और सौ करोड़ लोगों की तकदीर..आखिर हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा!!!!!!
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