..कहां है वे हिजड़े नेता, जिन्होंने केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे के बावजूद कुछ ही समय पूर्व सिमी को निर्दोष बताया था। देश में इस समय एक भीषण आतंकी हमला हुआ है, और वे शिखंडी (नेता) इस वक्त किसी को ढाढ़स बंधाने के लिए भी आगे नहीं आए। शर्म करो अमर सिंह, लालू, पासवान, राज ठाकरे, अबू आजमी और महा बेशर्म गृहमंत्री समेत केंद्र सरकार भी। खैर जब ये बेशर्म ही हैं तो इनके बारे में क्या कहना। सरकारी लापरवाही से देश की आर्थिक राजधानी पर हुए इस बड़े आतंकी हमले में हम मुंबई के जज्बे को सलाम करते है। साथ ही देश के घटिया राजनेताओं की गंदी राजनीति की भेंट चढ़े उन तमाम लोगों, एटीएस के अधिकारियों और कमांडो जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है, इस उम्मीद के साथ शायद उन हिजड़े राजनेताओं को अब सद्बुद्धि आ जाए जो आतंकवादियों में भी वोट बैंक तलाशते रहते है।
Saturday, November 29, 2008
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5 comments:
.कहां है वे हिजड़े नेता,
इन नेताओ की तुलना हिजडों से करना हिजडों का अपमान है हिजडे फ़िर भी देश के लिए मर मिटेंगे लेकिन ये नेता ? इनके घटिया पन को क्या नाम दूँ |
सब दुम दबाकर बैठे होंगे राज ठाकरे की तो बोलती तक बंद है इतना बड़ा शेर बनता है तो निकला होता अपनी मुंबई के लिए मरने
इन नेताओ की तुलना हिजडों से करना हिजडों का अपमान है हिजडे फ़िर भी देश के लिए मर मिटेंगे लेकिन ये नेता ? इनके घटिया पन को क्या नाम दूँ |
सब दुम दबाकर बैठे होंगे राज ठाकरे की तो बोलती तक बंद है इतना बड़ा शेर बनता है तो निकला होता अपनी मुंबई के लिए मरने
तो फिर, क्यों न हिजडों की सरगना शबनम मौसी को प्रधान मंत्री बना दिया जाय।
हिजडों की सरगना शबनम मौसी को प्रधान मंत्री बना दिया जाय ...
गलत बात है इन सभी गद्दार, कायर नेताओं को हिजड़ों का संबोधन देना, हिजड़ों का सरासर अपमान है।
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