महाराष्ट्र का शिखंडी उप मुख्यमंत्री आर आर पाटिल देश के सबसे बड़े आतंकी हमले को छोटी-मोटी वारदात मानता है। इस बे-शर्म मंत्री को कौन बताए कि तुम जैसे नेता ही देश के लिए सबसे बड़े आतंकी है। शनिवार को मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस हिजड़े नेता ने कहा कि 'बड़े शहरों में ऐसे एकाध हादसे होते रहते हैं।' आतंकी बड़े पैमाने पर तबाही मचाने आए थे, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। इस तरह का बयान देकर आर।आर। पाटिल जैसे हिजड़े नेता इस हमले में शहीद जवानों समेत उन तमाम नागरिकों का अपमान किया है, जो इस हमले में अपने प्राणों की आहुति दे गए। यह इस देश का दुर्भाग्य है कि एक हिजड़ा पाटिल केंद्र में कुंडली मार कर बैठा है तो दूसरा हिजड़ा पाटिल मुंबई में। क्या अब मनमोहन सिंह को राष्ट्रीय शर्म दिखाई नहीं देता?
Saturday, November 29, 2008
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2 comments:
Rastriy sharam? huh..abhi to yeh tension hai ki in ghatnao ka chunav par kya aasar padega..Shila dixit ne to keh diya hai ki yeh haadsa mumbai main hua hai delhi main iska koi farak nahi padega..wakai delhi pure desh se kitni door ja chuki hai
विचार-मंथन—एक नये युग का शंखनाद: क्षमा करना मेरे पूर्वजों, मैं हिजड़ा बन गया हूँ!
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