किसके बाप की है मुंबई! राज ठाकरे, उसके ताऊ बाल ठाकरे या वहां की शिखंडी सरकार के मुखिया विलास राव देशमुख या आरआर पाटिल जैसे हिजड़े नेताओं की। इन सब के बीच एक और नाम आता है। मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त [कानून व्यवस्था] के एल प्रसाद का, जो एक बेदाग छवि के आईपीएस जाने जाते है। आखिर ऐसा क्या कह दिया के एल प्रसाद ने जो अपनी बिल में ही भौंकने वाले राज ठाकरे और उसके ताऊ बाल ठाकरे सरीखे चूहों के साथ-साथ महाराष्ट्र के शिखंडी सरकार के उप मुख्यमंत्री आरआर पाटिल को भी चुभने लगी। क्या राज्य में कुख्यात महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की गुण्डागर्दी के खिलाफ के एल प्रसाद को नहीं बोलना चाहिए? क्या उन्हें भी हिजड़े नेताओं की तरह मनसे के गुण्डा प्रमुख राज ठाकरे को खुले साड की तरह छोड़ देना चाहिए। ताकि भाषा और क्षेत्रवाद का आतंक फैला कर ठाकरे खानदान राजनीतिक दुकानदारी चलाता रहे। पूरे देश में आतंकियों पर लगाम लगाने की बात कही जा रही है, फिर महाराष्ट्र के इन कथित आतंकवादियों पर नियंत्रण क्यों नहीं हो रहा है। क्या इस लिए कि आर आर पाटिल जैसे नेता इस राज्य में उप मुख्यमंत्री है और राज ठाकरे जैसे आतंकियों का संरक्षक बन कर बैठे है ताकि अगले चुनाव में भाषा का विष पिला कर कुर्सी से चिपके रह सके। मगर यह बेहद खतरनाक है। शिव सेना प्रमुख अपने अखबार के संपादकीय में लिखते है कि मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त के एल प्रसाद की मुंबई पर की गई टिप्पणी अमर्यादित है। वाह रे बुढ़ऊ ठाकरे..अब आप जैसे जहरीले और उदंड राज नेता के एल प्रसाद जैसे बेदाग अधिकारी को मर्यादा सिखाएंगे। महाराष्ट्र गुण्डा सेना का प्रमुख राज ठाकरे के एल प्रसाद को वर्दी उतार कर बयान देने की चेतावनी देता है और सरकार मौन रह कर आतंकियों को प्रोत्साहित करती है।
Monday, September 15, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
मुंबई का भी कोई बाप है.. हमने तो सुना यहां भाई होते है?
Post a Comment