भारतीय उद्योग जगत को शर्मसार कर देने वाली एक और खबर। सिंगूर में टाटा प्लांट के गार्डो पर लोहे की राड से हमला किया गया। वह भी ऐसे समय में जब कि टाटा दु:खी मन से अपने नैनो परियोजना का काम चुपचाप स्थानांतरित कर रही है। इससे ठीक एक दिन पहले दिल्ली से सटे औद्योगिक नगर ग्रेटर नोएडा में ग्रेजियानो ट्रांसमिशन इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी के कुछ गुंडे टाइप कर्मचारियों ने कंपनी के सीईओ को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला। इस दोनों घटनाओं में काफी समानता है। ग्रेटर नोएडा की घटना तो स्थानीय पुलिस की लापरवाही दर्शाती है वहींसिंगूर में पिछले एक साल से जो हो रहा है वह विशुद्ध रूप से राजनीति का एक गंदा स्वरूप है।
बहरहाल, ये घटनाएं देश की उद्योग नीति की कमजोरियों को दर्शाती है तथा ऐसी घटनाएं विदेशी निवेशकों के समक्ष भारत की छवि को धूमिल ही करेंगी। खास कर देश के श्रम मंत्री ऑस्कर फर्र्नाडिस का वह बयान को विदेशी निवेशकों को दस बार सोचने पर मजबूर कर देगा, जिसमें उन्होंने सीईओ की हत्या के बाद कहा था कि यह हत्या कंपनियों के प्रबंधकों को एक चेतावनी है। मतलब साफ है-कंपनिया निकम्मे कर्मचारियों को भी पाल कर रखे। उन्हें निकालेंगे को यही होगा। वाह रे हमारे देश के श्रम मंत्री।
बहरहाल, ये घटनाएं देश की उद्योग नीति की कमजोरियों को दर्शाती है तथा ऐसी घटनाएं विदेशी निवेशकों के समक्ष भारत की छवि को धूमिल ही करेंगी। खास कर देश के श्रम मंत्री ऑस्कर फर्र्नाडिस का वह बयान को विदेशी निवेशकों को दस बार सोचने पर मजबूर कर देगा, जिसमें उन्होंने सीईओ की हत्या के बाद कहा था कि यह हत्या कंपनियों के प्रबंधकों को एक चेतावनी है। मतलब साफ है-कंपनिया निकम्मे कर्मचारियों को भी पाल कर रखे। उन्हें निकालेंगे को यही होगा। वाह रे हमारे देश के श्रम मंत्री।
2 comments:
अफसोसजनक....दुखद....निन्दनीय!!
इतनी खराब स्थिति ........कैसे तरक्की कर पाएगा हमारा देश।
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