भारतीय उद्योग जगत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना घटी। ग्रेजियानो ट्रांसमिशन इंडिया लिमिटेड नामक कंपनी के कुछ गुंडे टाइप कर्मचारियों ने कंपनी के सीईओ को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला। इस घटना ने भारतीय उद्योग जगत का चेहरा दुनिया में शर्मसार किया है। अगर किसी कारखाने में व्यवस्था और कामगारों के बीच हाथापायी भी हो जाए तो ये उस देश की उद्योग नीति की कमजोरी को उजागर कर देती है परन्तु यहां तो उन गुंडे टाइप कर्मचारियों ने अपने ही रोजगारदाता कंपनी के सीईओ को पीट-पीट कर मार डाला , इस घटना से विश्व में भारतीय उद्योग की निंदा जरूर होगी। अब कोई भी बहुराष्ट्रीय कंपनी भारत में उद्योग स्थापित करने से पहले जरूर सोचेगी और शायद हिचकिचाए भी। इससे पहले सिंगुर-विवाद ने भी एक बहुत ग़लत प्रभाव छोड़ा था और अब ये ज्वलंत मामला। क्या हमारे देश में उद्योगों के लिए कोई व्यवथित नियम नहीं है कि आम जनता को हर समय नियम और कानून अपने हाथों में लेना पड़ता है। सीईओ एलके.चौधरी ने तो बस अपने शीर्ष प्रशासन के हुक्म पर अमल किया होगा और उसे अपनी जान से हाथ धोनी पडी। आख़िर कामगारों के अत्यधिक गुस्से का कारण इतना आसान नहीं हो सकता, कहीं न कहीं प्रशासन भी गुनाहगार है । उधर, कंपनी के प्रॉडक्शन सुपरवाइज़र राजपाल ने आरोप लगाया कि सूचना के दो घंटे बाद बिसरख पुलिस मौके पर पहुंची। इतना ही नहीं , बिसरख थाना इंचार्ज जगमोहन शर्मा सीनियर अफसरों को इस घटना को मामूली मारपीट बताते रहे और उन्हें कई घंटे तक अंधेरे में रखा। इस घटना का एक पहलू और भी है, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए, क्या इन नीजी कंपनियों के लिए कोई पक्के नियम और क़ानून नहीं है सरकार की ओर से जो ये अपनी मनमानी करते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो ये सीईओ की मौत सरकार को एक चेतावनी है कि नीजी उद्योगों में हस्तक्षेप करे। आख़िर उस मुनाफा का किसी को क्या लाभ जिसमें जान ही चली जाए। साथ ही साथ इस घटना की कड़ी निंदा होनी चाहिए और दोषी गुंडे टाइप कर्मचारियों को उचित दंड भी मिलना चाहिए जिससे उद्योग जगत के अनुशासन तोड़ने वालों को भी सरकार की ओर से चेतावनी मिल सके।
Monday, September 22, 2008
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4 comments:
In fact such type of act should not happen in industry premises. Especially when the indian industry is acquiring top notch position in the corporate world & gainig appreciation from the world wide buisness & industrial scenario. if such type of act starts occuring frequently then it will definitely have a bad impact on foreign investment & multi national joint venture.
it's really a shocking incident that dismissed worker of a mnc has beaten the ceo of the company till death. this is sheer condemnable and hinderous and it will definitely malign the image of emerging indian industry.
if some accute problem persists in a company then that should be resolved through dialouge between management and workers. solutions can also be found by industrial ethics or by related other means.
But, in no way i think that clash or violence is a solution of such type of problem. It should be cursed down at any cost because it's consequence would be the sorrow scene that we saw today in the premises of the company and has taken lives that is precious for anyone.
इस घटना की कड़ी निंदा होनी चाहिए और दोषी गुंडे टाइप कर्मचारियों को उचित दंड भी मिलना चाहिए
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