click for a free hit counter

Friday, September 26, 2008

आतंकियों का एक और प्रवक्ता अर्जुन सिंह


यह लो भाइयों, आतंकियों का एक और प्रवक्ता सामने आया। यह प्रवक्ता है हमारे देश का बुजुर्ग केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह।अब तो लगता है देश के गद्दारों और अमन के दुश्मनों पर लगाम लगना बहुत ही मुश्किल है। इस केंद्रीय मंत्री ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति के दिल्ली बम विस्फोटों के मामले में आरोपी दो छात्रों को कानूनी सहायता देने के फैसले का खुलकर समर्थन किया है। मामला साफ है, सरकारी पैसे का खुलेआम दुरुपयोग, वह भी अमन के दुश्मनों और देश को तबाह करने का मंसूबा रखने वाले आतंकियों के लिए।जामिया विश्वविद्यालय का कुलपति प्रो. मुशरुल हसन ने कल ही एक राष्ट्र विरोधी और बेहद आपत्तिजनक फैसला लेते हुए कहा था कि वह पकड़े गए आतंकियों को कानूनी सहायता देगा। कहां हम सरकार से अपेक्षा कर रहे थे कि वो इस आपत्तिजनक फैसले पर विरोध जताते हुए इस संदिग्ध कुलपति से इस्तीफा ले लेगी, मगर आश्चर्यजनक तरीके से सरकार के एक जिम्मेवार मंत्री ने राष्ट्र विरोधियों का समर्थन कर दिया। तो क्या दिल्ली पुलिस के उस जाबांज सिपाही मोहन चंद्र शर्मा की शहादत को कोई मोल नहीं है, इस निकम्मी सरकार के लिए। यह चिंतनीय विषय है।फिर यह सरकार क्यों बेवजह मोहन चंद्र शर्मा जैसे लोगों की हत्याएं करवा रही है। अगर आतंकियों से इतना ही प्यार है अर्जुन सिंह और मुशरुल हसन को तो देश को खुल कर क्यों नहीं बताते। फिर देखते ऐसे लोगों को जनता किस तरह सबक सिखाती।

6 comments:

Gyan Darpan said...

इनको धर्मनिर्पेक्ष जो बनना है

दिनेशराय द्विवेदी said...

क्या आप लोग चाहते हैं कि जिन्हें आतंक फैलाने के आरोप में पकड़ा गया है, उन्हें बिना मुकदमा चलाए ही सजा दे दी जाए। यह हमारे संविधान प्रदत्त अधिकारों के विरुद्ध होगा।
प्रत्येक अभियुक्त को अपनी प्रतिरक्षा करने का अधिकार है। अभियुक्त के पास कानूनी सहायता नहीं होने पर अदालत का कर्तव्य है कि वह अभियुक्त को सरकार के खर्चे पर कानूनी सहायता उपलब्ध कराए।
मेरे विचार में अगर अभियुक्तों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का कोई उपक्रम चलता है तो यह देश और जनतंत्र के हित में ही है। इसे आलोचना का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए। निर्णय तो जज को करना होता है जो सबूतों और गवाहियों के आधार पर होता है।

jitendra said...

mohan chand jaise sahido ko aap apne lekh me naa jode ,arjun singh ko pravaktaa kahna aur adalat ke badle nyay sunana sahi nahin hain

Anonymous said...

जा मिया मिलऔर ब्लास्टिया
प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित हैं
कोर्स-मास्टर आफ सेकुलर टेररिज्म

फैकल्टी-अर्जुन सिंह, मुशीरुल हसन, अबू सलेम, अभी वह अपराधी नहीं है, कुछ सिद्ध नहीं हुआ है

सुविधा-होस्टल के साथ, आतंकी धमाकों के बाद मुफ्त कानूनी सलाह भी विश्वविद्यालय से मुहैया करायी जायेगी।

लश्कर ए तोयबा, सिमी, इंडियन मुजाहिदीन के लिए शत प्रतिशत रिजर्वेशन
तत्काल कांटेक्ट करें, मुशीरुल हसन, अर्जुन सिंह से

Anonymous said...

बेनाम जी जो इस्का विरोध करे उसे फ़ासी दी जायेगी ये भी लिखिये जी :)

विनीत उत्पल said...

aaj jo visfot delhi me huaa, ab aap batayen kaun tha mastermind. yadi ab bhee aap delhi pulise kee haan me haan milate rahenge to kaun aslee mastermind ko dhundega.