मालेगांव बम धमाके मामले में गिरफ्तार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के साथ एक संगठन का भी नाम सामने आया है। वह है अभिनव भारत। हालांकि इस संस्था से संबंधित सभी जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध थीं, मगर इसका नाम सामने आने के बाद इसे हटा दिया गया है। क्या है अभिनव भारत? कौन चलाता है इसे?
आज से करीब दो साल पहले इस संगठन की स्थापना की गई। वैसे तो 'अभिनव भारत' काफी पुराना संगठन है, लेकिन इसका मौजूदा रूप महज दो साल पुराना है। संगठन की कमान गोपाल गोडसे की बेटी और नाथूराम गोडसे की भतीजी हिमानी के हाथों में है। हिमानी विनायक दामोदर सावरकर की बहू भी है। मूल रूप से एक शताब्दी पहले सावरकर द्वारा ही 'अभिनव भारत' की स्थापना की गई थी। संगठन ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिए बनाया गया था। हिमानी बताती है कि हमने इस संगठन को पुनर्जीवित किया। पिछले कुछ दशको मे हिंदुओ के खिलाफ हो रहे अत्याचार को देखते हुए हमने इसकी जरूरत महसूस की थी। इसके बाद समान विचारधारा वाले कुछ लोग साथ आए और हमनें 2006 में इस संगठन को अस्तित्व में लाया। हिमानी कहती है कि सावरकर ने 1952 में यह कहते हुए संगठन भंग कर दिया था कि अंग्रेजो के चले जाने के साथ ही संगठन का उद्देश्य पूरा हो गया, लेकिन हिंदुओ पर अत्याचार को देखते हुए हमने इसे पुन: शुरू किया।
हिमानी सावरकर का कहना है कि हिंदुओ के प्रति अन्याय के खिलाफ हम लड़ेगे। हम किसी तरह के आतंकवाद को समर्थन नही देते, लेकिन लगे हाथ यह भी स्पष्ट कर देना चाहते है कि हिंदू अपने ऊपर हो रहे अत्याचार बर्दाश्त नही करेगे। अगर ऐसी हिंदू विरोधी घटनाएं होती रही तो इसकी प्रतिक्रिया भी जरूर दिखेगी।
आज से करीब दो साल पहले इस संगठन की स्थापना की गई। वैसे तो 'अभिनव भारत' काफी पुराना संगठन है, लेकिन इसका मौजूदा रूप महज दो साल पुराना है। संगठन की कमान गोपाल गोडसे की बेटी और नाथूराम गोडसे की भतीजी हिमानी के हाथों में है। हिमानी विनायक दामोदर सावरकर की बहू भी है। मूल रूप से एक शताब्दी पहले सावरकर द्वारा ही 'अभिनव भारत' की स्थापना की गई थी। संगठन ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिए बनाया गया था। हिमानी बताती है कि हमने इस संगठन को पुनर्जीवित किया। पिछले कुछ दशको मे हिंदुओ के खिलाफ हो रहे अत्याचार को देखते हुए हमने इसकी जरूरत महसूस की थी। इसके बाद समान विचारधारा वाले कुछ लोग साथ आए और हमनें 2006 में इस संगठन को अस्तित्व में लाया। हिमानी कहती है कि सावरकर ने 1952 में यह कहते हुए संगठन भंग कर दिया था कि अंग्रेजो के चले जाने के साथ ही संगठन का उद्देश्य पूरा हो गया, लेकिन हिंदुओ पर अत्याचार को देखते हुए हमने इसे पुन: शुरू किया।
हिमानी सावरकर का कहना है कि हिंदुओ के प्रति अन्याय के खिलाफ हम लड़ेगे। हम किसी तरह के आतंकवाद को समर्थन नही देते, लेकिन लगे हाथ यह भी स्पष्ट कर देना चाहते है कि हिंदू अपने ऊपर हो रहे अत्याचार बर्दाश्त नही करेगे। अगर ऐसी हिंदू विरोधी घटनाएं होती रही तो इसकी प्रतिक्रिया भी जरूर दिखेगी।
6 comments:
achhi jankai hai...ab to desh ke Gali gali me abhinav bharat jaisa sangthan hoga...jai hind
युध्द की शुरुआत हो चुकी है। अभी और बलिदान देना होगा। और फ़िर से यह हिन्दुस्तान, हिन्दु स्थान बन जायेगा पापियो के नाश के लिये शस्त्र उठाना हि होगा।
जय भारत जय अभिनव भारत
अभी तो ये झांकी है,बहुत कुछ किया जाना बाकी है......
खुलकर सामने भी आने वाले हैं.............
kya abhinav bharat ka koi contact ya website hai
abinav bharatcha contact milelka
You have shared great information, thank you for this wonderful work. I really liked this article of yours.
rochaktricks.com
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